अपने शौहर के दोस्त से चुद कर रंडी बनी

 पोर्न लाइफ स्टोरी में मेरे शौहर के छोटे लंड के कारण उन्होंने मुझे एक अनजान बड़े लंड से चुदवा दिया. उसके बाद मुझे लंड लेने का चस्का हो गया. मैं रंडी की तरह चुदाने लगी.


दोस्तो, मैंने आपको अपनी पिछली सेक्स कहानी

बीवी को गैर मर्द से चुदवाने की तमन्ना

में अपनी पत्नी की गैर मर्द से चुदाई की कहानी को लिखा था.


मेरी बीवी कभी मेरी चुदाई से ठंडी नहीं हो पाती थी, इसका अहसास मुझे था.

मैंने उसे किस तरह से गैर मर्द से चुदवाने के लिए राजी किया और उसे एक इन्द्रेश नामक व्यक्ति से चुदवा भी दिया.


मुझे इसका अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि एक बार किसी दूसरे मर्द का लंड चख लेने के बाद वह खुली रंडी जैसी हो जाएगी और किसी भी मोटे लंड वाले मर्द से चुदने लगेगी.


यही हुआ … अब वह मुझे बिना बताए किस तरह से गैर मर्दों से चुदवाने लगी, उसका मजा आप इस सेक्स कहानी में लीजिए.


इससे आगे की कहानी मेरी बीवी खुद आपको बता रही है.






हैलो फ्रेंड्स, माय पोर्न लाइफ स्टोरी का मजा लें.


मेरे शौहर का एक दोस्त था … अनमोल.

उस दिन मेरे शौहर घर पर नहीं थे.


उस दिन अनमोल भाई मेरे घर पर आए हुए थे.

हम दोनों लोग बेड पर बैठे हुए थे.


मैं चाय लेकर गई और अनमोल को चाय पिलाई.


फिर उन्हें वापस जाना था.

पर जब मैंने उनसे कहा- आप खाना खाकर जाइएगा प्लीज!

तो वे रुक गए.


मैंने खाना बनाया और टेबल पर लगाया.

फिर अनमोल और हम दोनों खाना खाने लगे.


खाना खाते-खाते मेरा दुपट्टा नीचे सरक गया और एकदम मेरा सीना उनके मुँह के सामने हो गया.


दुपट्टा गिरने से मेरे दूध बिल्कुल साफ दिख रहे थे.


मैंने झुककर दुपट्टा उठाया, संभाला और फिर खाना खाने लगी.


मैंने हल्की आवाज में सॉरी कहा.

तो अनमोल मुस्कुराए और बोले- कोई बात नहीं भाभी जी!


फिर हम लोग खाना खाकर बातें करने लगे.


दो-चार मिनट इधर-उधर की बातें करने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा- भाभी जी आप भाई के साथ खुश तो हैं?

मैं खामोश रही, मैंने कोई जवाब नहीं दिया.


मैं क्या कहती कि मेरी चूत में आग लगी हुई है अनमोल भाई … मेरे ऊपर चढ़ जाओ और मेरी चूत की प्यास बुझा दो.


मैं चुप ही रही, फिर हम दोनों में इधर-उधर की बातें होने लगीं.


अनमोल ने फिर से पूछा- भाभी जी, आपने मेरी बात का जवाब नहीं दिया!

तो मैंने कहा- क्या जवाब दूं? जो ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकती, तो उसका जवाब देने से क्या फायदा?


अनमोल बोले- भाभी जी, आप मुझे बताइए तो सही कि आपकी क्या ख्वाहिश है? मैं आपकी सारी ख्वाहिशों को पूरी करूंगा!

मैंने कहा- रहने दीजिए, आप नहीं पूरी कर पाएंगे.

इस पर अनमोल बोले- भाभी जी आप मौका देकर तो देखिए कि मैं कैसे आपकी ख्वाहिश पूरी करता हूं!

मैंने कहा- ठीक है.


फिर अनमोल ने टीवी ऑन किया और टीवी देखने लगे.

मैं नहाने चली गई.


नहाकर मैंने पहले लाल रंग की पैंटी और ब्रा पहनी, फिर एक पारदर्शी नाइटी पहनी.

इसके बाद उनके पास आई और बोली- प्लीज दरवाजा बंद कर दो.


उन्होंने दरवाजा बंद किया.


दरवाजा बंद करने के बाद वे मेरे पास आकर बैठ गए.


मैंने कहा- देखा, मैंने पहले ही कहा था कि जिस चीज की ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकती, उसकी तमन्ना क्या करना!


अनमोल ने मेरी तरफ देखा और बोला- भाभी, क्या कह रही हो? ऐसी कौन सी बात है?

मैंने कहा- हां, मैंने यह भी करके देख लिया, उससे कोई फायदा नहीं.


मेरे कहने का मतलब साफ था कि मैं उन्हें आमंत्रण दे रही थी, मगर वे मेरी बात समझ नहीं रहे थे.


आखिरकार मैंने अपने मन को मारा और वे अपने घर चले गए.


उस रात मैं अनमोल के बारे में सोचती रही कि आखिर उन्होंने मुझसे ऐसा कहा, फिर कुछ किया क्यों नहीं!


उस दिन से मैंने गैर मर्द की तमन्ना छोड़ दी.


फिर एक दिन अनमोल ने मुझे फोन किया- भाभी जी, भाई साहब घर पर हैं?

मैंने कहा- नहीं, वे तीन दिन के लिए दिल्ली गए हैं. आप कहां हैं?


उन्होंने कहा- मैं तो घर पर हूं, अकेला … वह मेरी बीवी मायके गई है न!

मैंने कहा- अरे तो आप यहां आ जाओ न … दोनों साथ मिलकर चाय पीते हैं.


यह सुनकर वे मेरे पास आ गए.

मैंने उस दिन फिर वही ब्रा पैंटी और गाउन पहना, मगर इस बार अनमोल समझ चुके थे कि मैंने उन्हें आमंत्रण दिया है.


चाय-पानी पीने के बाद हम लोग बैठे हुए थे.


अनमोल ने धीरे से अपना हाथ मेरे दूध पर रखा.

मैं एकदम शर्मा गई.


फिर उन्होंने कसकर मुझे पकड़ा और एक किस किया.

मैं उनकी बांहों में सिमट गई.


मैंने अपना हाथ उनके लंड पर रखा, तो वह एकदम सख्त हो गया.


अब उन्होंने जल्दी से मेरी ब्रा और पैंटी उतार दी और मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया.


मेरे कामुक बदन से वे मस्ती से खेलने लगे.

मैंने कहा कि मैं बहुत प्यासी हूँ. तो वे बिना समय गंवाए मेरे ऊपर चढ़ गए.


मैं धीरे-धीरे आहें भरने लगी.

वे समझ गए कि भाभी कुछ ज्यादा ही प्यासी हैं.


उन्होंने झट से अपनी पैंट और शर्ट उतारी, फिर मेरी चूचियों को इतना मसला, इतना चूसा कि मैं बता नहीं सकती.


मैं दिन में बिल्कुल तड़प रही थी, जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है, वैसे ही मैं सेक्स के बिना तड़प रही थी.


फिर उन्होंने मुझे किस किया और अपने लंड को मेरे मुँह की तरफ किया.


उनका लंड इतना मोटा, इतना लंबा था, बिल्कुल गधे जैसा.

मेरी चूत में तो पानी आ गया.


मैं सोच रही थी कि इससे तो मेरी चूत फट जाएगी.

मैं तुरंत पीछे हट गई और बोली- अरे बाबा … मैं इतना मोटा नहीं ले सकती.


चूंकि मैं ज्यादा चुदाई नहीं करती थी इसलिए मुझे डर लगने लगा.


उन्होंने कहा- कोई बात नहीं भाभी जी, थोड़ा तेल ले आओ.

मैं तेल लेकर आई.


उन्होंने मेरी चूत पर तेल लगाया, अपने लंड को भी तेल से नहलाया और धीरे से लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पर रखा.


जैसे ही उनका सुपाड़ा मेरे अन्दर थोड़ा सा गया, तो वह घुसा नहीं था बस उसने चूत की फाँकों को चीर सा दिया था.




उन्होंने कहा- भाभी जी … अब आप कुतिया बन जाइए.

मैं हंस दी.


वे बोले- क्या हुआ?

मैंने कहा- मुझे कुतिया बना कर मेरी ले रहे हो?


उन्होंने कहा- ओके तो घोड़ी बन जाएं.

मैंने कहा- अरे नहीं अब तो मैं कुतिया ही बनूँगी.


उन्होंने डॉगी स्टाइल में मुझे पोजीशन बनाने में मदद की.


अब उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत पर रखा और धीरे-धीरे … बहुत धीरे-धीरे अन्दर बढ़ाया.


दोबारा जैसे ही जरा सा अन्दर गया, मैं दर्द से कराहने लगी.

फिर उन्होंने एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.


मैं एकदम से चिल्लाई- आय … फट गई … आह क्या कर रहे हो अनमोल? थोड़ा आराम से करो … आह बहुत दर्द हो रहा है आह फिर कभी नहीं लेना है क्या?


वे बोले- कोई बात नहीं … यह अपने आप सही हो जाएगी. यह तो कुदरत का करिश्मा है. कभी फटती है, तो कभी सिकुड़ती है.

मैं चुप हो गई.


फिर वे मुझे इस तरह चोदने लगे कि मेरी आंखें बाहर निकलने लगीं.


मैंने उनसे कहा- अनमोल आह आज मुझे इतना चोदो, इतना चोदो कि मुझे रंडी बना दो. मैं बिना लंड के रह ही न पाऊं!


वे बोले- साली … तुझे आज इतनी रंडी ही बना देता हूँ … तुझे इतना चोदूंगा कि तू जब भी चुदाई की बात करेगी तो मुझे ही बुला लेने की बात करेगी. अभी तुझे और दूसरे लौड़े की भी जरूरत हो तो मैं अपने दोस्त को भी बुला लेता हूँ!


मैंने कहा- आज नहीं, आज बहुत दर्द हो रहा है. फिर किसी दिन बुलाना.


उन्होंने कम से कम एक घंटे तक मेरे साथ सेक्स किया.

मैंने चुदाई का पूरा मज़ा लिया.

फिर वे झड़ गए.


लगभग डेढ़ घंटे तक सेक्स चलने के बाद मेरी चूत पूरी तरह भोसड़ा बन गई थी.


फिर हम दोनों नहाने चले गए.

नहाकर हम दोनों ने खाना खाया.


खाने के बाद उन्होंने मेरे दूध पर हाथ रखा और मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया.

मैं फिर गर्म हो गई.


अब उनका लंड खड़ा नहीं हो रहा था तो मैंने जल्दी से उनके लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया.

धीरे-धीरे वह खड़ा हो गया.


उन्होंने मुझे फिर से बेड पर पटक दिया और इस बार शुरू से ही घोड़ी बनाकर चोदा.


आधा घंटा बाद मेरा पानी निकल गया लेकिन उनका लंड अभी भी शांत नहीं हुआ था.

मुझे बहुत दर्द हो रहा था.


मैंने कहा- प्लीज अनमोल … अब आज रहने दो. फिर किसी दिन चोद लेना!

लेकिन उन्होंने मेरी बात को नहीं माना.


करीब दस मिनट बाद उन्होंने बहुत जोर-जोर से चोदना चालू कर दिया.

मैं चिल्लाती रही.


फिर उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया.

मेरी चूत उनके रसीले पानी से भर गई.


फिर उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया.

मेरी चूत उनके रसीले पानी से भर गई.


धीरे-धीरे चूसने के बाद उनका लंड ठंडा हुआ और उन्होंने उसे बाहर निकाला.


मैं भी बाथरूम जाकर फ्रेश होकर आ गई.


अब अनमोल मुझे जब तब चोदने लगे थे और फिर उन्होंने एक दिन मेरी गांड भी मार ली थी.


काफी चुदाई होने के बाद अब मुझे अनमोल के अलावा भी एक और मर्द की जरूरत महसूस होने लगी.


फिर एक दिन मैंने सेक्स के दौरान अनमोल से कहा- अनमोल, मुझे तुमसे अकेले चुदने में मज़ा नहीं आता. कम से कम दो लोग मुझे चोदें, तो मेरी तमन्ना पूरी हो!

वे बोले- ओके मैं कल आता हूँ.


उन दिनों मेरे शौहर एक हफ्ते के लिए बाहर गए हुए थे इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा.


दूसरे दिन अनमोल अपने दोस्त को लेकर आए.

उसका दोस्त एक 20 साल का हट्टा-कट्टा नौजवान था.


मुझे देखते ही उसका लंड खड़ा हो गया.

वह मेरी लेने की बात करने लगा.


अनमोल बोले- नहीं, पहले हम लेंगे.

मैंने कहा- यार दोनों एक साथ आ जाओ. एक आगे से करेगा, एक पीछे से करेगा!


अनमोल ने मुझे सैट किया और आगे से चोदना शुरू किया.


मैंने उनके दोस्त का लंड पकड़ा, जो एकदम सफेद और अंग्रेजों की तरह लंबा-मोटा था, उसे अपने मुँह में भर लिया और उसका रस चूसना शुरू कर दिया.


वह दो ही मिनट में मेरे मुँह में झड़ गया.


मैंने अनमोल से कहा- यार, यह क्या खटारा गाड़ी ले आया, जो एक मिनट भी नहीं टिक सका? इससे तो मेरा पति अच्छा है, जो कम से कम पांच मिनट तो चोद लेता है.


वह लड़का शर्म के मारे बाथरूम में चला गया.


बाथरूम से निकल कर उसने फिर मुझे चोदना शुरू किया.

बिल्कुल रंडी की तरह घुमाकर, उठाकर, ऊपर से, नीचे से, मुँह को चोदा.


उसके लौड़े से मेरी चूत की चुदाई इतनी तेज हुई कि मैं चिल्लाने लगी.


मैंने कहा- यार अब रहने दे. फिर किसी दिन चोद लेना!

लेकिन वह बोला- नहीं, आज तुझे पूरी रंडी बना दूँगा!


तब तक अनमोल भी तैयार हो चुका था.

मैंने कहा- अनमोल … अब तू मेरी गांड में कर. मेरी गांड का भी गड्डा बना दे!


फिर एक ने चूत में किया, एक ने गांड में.

मेरी चूत और गांड का भी गड्डा बन गया.


मैं पूरी तरह थक चुकी थी.


आज मैं एक साथ दो लंड लेकर यह बात समझ गई थी कि अब मैं पूरी रंडी बन चुकी हूँ.


लगभग डेढ़ घंटे तक यह सब चला.

तब भी मेरा मन नहीं भरा था.


मैंने कहा- अब मैं पूरी रंडी बन चुकी हूँ. अब तुम जब भी मन करे, आ जाना … और इस बार दो नहीं, चार लंड लेकर आना क्योंकि अब मुझे एक से दो, दो से चार लंड चाहिए!


उस दिन के बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पति भी चोदते थे, उनके दोस्त भी मुझे चोद देते थे.

जब जिसे मौका मिला, मैंने उससे खुल कर चुदवाया, माय पोर्न लाइफ का पूरा मजा लिया.


पोर्न लाइफ में इतने लंड शायद ही किसी ने लिए होंगे.


मुझे याद है, कम से कम 200 लंड तो मैंने ले ही लिए होंगे.

मेरी चूत व गांड में मोटे, पतले, लंबे, हर तरह के लंड गए … लेकिन अनमोल जैसा लंड मुझे आज तक नहीं मिला.


मेरी उम्र अब 32 साल हो गई है लेकिन अनमोल का लंड आज भी मुझे याद आता है.

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